UGC Graduate Degree New Rules: यूजीसी ने स्नातक डिग्री को लेकर नए नियम जारी किए हैं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नए नियम के अनुसार त्वरित डिग्री कार्यक्रम और विस्तारित डिग्री कार्यक्रम की घोषणा की गई है डिग्री प्राप्त करने के नियमों में बदलाव के बाद प्राप्त होने वाले इन डिग्रियों को किसी भी नौकरी में मानक डिग्री के बराबर ही माना जाएगा सरकारी विभागों निजी संस्थाओं के अतिरिक्त यूपीएससी, एसएससी भी एडीपी और ईडीपी को सामान्य डिग्री की तरह ही मान्यता देंगे जिससे किसी भी छात्र को आवेदन के समय पात्रता मानदंड में किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी किए गए नए नियम के अनुसार मेधावी छात्रों को प्रति सेमेस्टर अतिरिक्त क्रेडिट प्राप्त कर तीन से चार साल की डिग्री कम समय में पूरा करने का मौका दिया जाता है एडीपी का विकल्प चयन करने वाले छात्र पहले सेमेस्टर या फिर दूसरे सेमेस्टर की समाप्ति पर डिग्री पूरी करने की अवधि में बदलाव का चयन कर सकते हैं इसके बाद छात्रों को अनुमति नहीं दी जाएगी जो ईडीपी का विकल्प चुनेंगे उनको एडिशन क्रेडिट प्राप्त होंगे। पहले सेमेस्टर के बाद चुनने वालों को दूसरे सेमेस्टर के बाद और दूसरे सेमेस्टर चुनने वालों को तीसरे सेमेस्टर से अतिरिक्त क्रेडिट स्कोर मिलेगा जिसमें कमेटी द्वारा निर्धारित किया जाएगा कि एक सेमेस्टर में छात्र को कम से कम कितने क्रेडिट स्कोर जरूरी होगा 3 साल के स्नातक कार्यक्रम में जिन छात्रों को अपना कोर्स जल्दी पूरा करना है उन्हें अधिकतम एक सेमेस्टर की छूट दी जाएगी।
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यूजीसी के इस नए नियम से कमजोर या धीमी गति से सीखने वाले छात्रों के पास ईडीपी का विकल्प चुनने की आजादी होगी इसमें सामान डिग्री कोर्स के मुकाबले हर सेमेस्टर में छात्रों को कम क्रेडिट प्राप्त होंगे उन्हें तीन और चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम में अधिकतम दो सेमेस्टर आगे बढ़ाने का प्रावधान होगा अर्थात ऐसे इन सभी छात्रों को तीन वाले को चार साल और 4 साल वाले को अधिकतम 5 साल में डिग्री पूरी करने की छूट दी जाएगी इसमें कमेटी तय करेगी कि कम से कम छात्रों का अनिवार्य क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए।
यूजीसी के नए नियम के बाद ऐसे मेधावी छात्र जो अपनी डिग्री को कम समय में पूरा कर लेंगे उन सभी छात्रों को समय से पहले ही डिग्री दे दी जाएगी ऐसे छात्र जो धीमी गति से कोर्स पूरा करेंगे उन सभी छात्रों को डिग्री पर एक स्पेशल नोट लिखा मिलेगा जिसमें इस बात का जिक्र किया जाएगा की छात्र ने डिग्री कितने समय में पूरी की है।
यूजीसी के इस नए नियम से मेधावी और धीमी गति से सीखने वाले दोनों ही छात्रों को लाभ होने वाला है मेधावी छात्रों को अपनी डिग्री पूरा करने के लिए पूरे समय तक प्रतीक्षा नहीं करनी होगी समय से पहले डिग्री लेकर अगली पढ़ाई कर सकते हैं जबकि धीमी गति से सीखने वाले छात्रों के लिए भी नए नियम में काफी सहूलियत होगी आसानी से अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं और दोनों ही डिग्री की मान्यता समान मानी जायेगी।