UP Contract Employe Good News: उत्तर प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए अच्छी खबर है राज्य सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों की तरह संविदा कर्मियों के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है ऐसे सभी कर्मचारी जो आउटसोर्सिंग पर रखे जाते हैं अब उन्हें एजेंसियां मनमाने तरीके से नहीं निकाल सकती हैं उन्हें नौकरी से निकलने के लिए संबंधित विभाग से परमिशन लेनी होगी इसके साथ-साथ इन सभी संविदा कर्मियों को हर माह की निर्धारित तारीख पर मंडे देना होगा।
सरकार द्वारा इस संबंध में संशोधित शासनादेश जारी कर दिया गया है और सभी विभागों को भेज दिया गया है नए नियम के अनुसार अब सेवा प्रदाता एजेंसियों द्वारा संविदा कर्मियों को रखने के लिए अवैध रूप से कोई भी पैसा नहीं लिया जाएगा और नौकरी पर रखने के बाद पूरा भुगतान न करने के संबंध में शिकायत मिलने पर संबंधित ऐजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाने वाले सभी कर्मचारियों को एजेंसियां बादल भी नहीं सकेंगे अगर किसी भी कर्मचारी की अनुशासनहीनता या दंडनीय अपराध की शिकायत आती है तो भी एजेंसी को विभाग से अनुमति लेनी होगी उसके बाद ही निकाला जा सकता है।
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सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मियों की भर्ती के लिए भी नया नियम बना दिया गया है अब आउटसोर्सिंग कर्मियों को उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से ही नौकरी पर रखा जा सकता है सरकार द्वारा नए नियम के बाद वर्तमान में काम कर रहे कर्मियों को नहीं निकाला जाएगा अब उन्हें भी जैम पोर्टल के माध्यम से रखा जाएगा केवल नए कर्मियों का चयन ही पोर्टल के माध्यम से होगा अगर एजेंसियों द्वारा संविदा कर्मियों को निर्धारित मानदेय नहीं दिया जाता है तो एजेंसियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।
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अब संविदा कर्मियों की तैनाती के लिए सेवायोजन विभाग द्वारा तैयार किए गए पोर्टल से वरिष्ठता के आधार पर सिलेक्शन किया जाएगा विभाग द्वारा कर्मियों की मांग के अनुसार एक कर्मी के लिए पांच आवेदन कर्ता और दो या उससे अधिक होने पर तीन गुना लिस्ट जारी होगी उसके बाद आउटसोर्सिंग कर्मियों की उपस्थिति इसी माह के अगले कार्य दिवस को ईमेल से विभागों को भेजनी होगी इसके अतिरिक्त मानदेय 4 से 6 दिनों के अंदर देना होगा जीपीएफ का पैसा हर माह की 14 तारीख को देना अनिवार्य कर दिया गया है अगर एजेंसियों द्वारा संविदा कर्मियों का एक माह का जीपीएफ पैसा जमा नहीं होता है तो एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियम के अनुसार कंपनियों में EPF, ESI और जीएसटी का पैसा समय से अनिवार्य रूप से जमा करना जरूरी होगा अन्यथा एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।